Lessons Of Life: सच्ची कहानी ‘जीवन की सीख’ (1)

दोस्तों आज की कहानी का शीर्षक है Lessons Of Life या “जीवन की सीख” आज के समय में हमें एक दूसरे से आगे बढ़ने और फेमस होने की ज्यादा तलब है ऐसे में हम अपने पीछे जो माता-पिता, पत्नी,बच्चा परिवार आदि के बारे में कम और सुर्खिया बटोरने के बारे में ज्यादा सोचते हैं जिसके कारण हम अपने जीवन से खिलवाड़ करते हैं इसी पर आधारित है आज की कहानी जिसे आप सब को जरूर पढ़ना चाहिए और सीखना चाहिए.

नमस्कार दोस्तों हमारे इस सच्ची कहानी Web Page के नई कहानी में आपका स्वागत है मुझे उम्मीद है की आप इस कहनी से आप कुछ जरूर सकारात्मक चीज सिखेंगे और आपको हमारे द्वारा लिखी कहानी अच्छी लगी हो तो कृपया आप निचे दी गई लाल वाली घंटी को जरूर दबाकर सब्सक्राइब करें.

Bolti Kahani: Lessons Of Life सच्ची कहानी जीवन की सीख

Lessos Of Life
Lessons of life

मैं एक दुकान में खरीददारी करने गया, तभी मैंने उस दुकान के दुकानदार को एक 5-6 साल के लड़के से बात करते हुए देखा |

दुकानदार बोला: “माफ़ करना बेटा, लेकिन इस गुड़िया को खरीदने के लिए तुम्हारे पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं|” फिर उस छोटे-से लड़के ने मेरी ओर मुड़ कर मुझसे पूछा ”अंकल, क्या आपको भी यही लगता है कि मेरे पास पूरे पैसे नहीं हैं?” मैंने उसके पैसे गिने और उससे कहा: “हाँ बेटे, यह सच है कि तुम्हारे पास इस गुड़िया को खरीदने के लिए पूरे पैसे नहीं हैं”. वह नन्हा-सा लड़का अभी भी अपने हाथों में गुड़िया थामे हुए खड़ा था मुझसे रहा नहीं गया.

इसके (Learn To Life) बाद मैंने उसके पास जाकर उससे पूछा कि यह गुड़िया वह किसे देना चाहता है? इस पर उसने उत्तर दिया कि यह वो गुड़िया है – जो उसकी बहन को बहुत प्यारी है और वह इसे, उसके जन्मदिन के लिए उपहार में देना चाहता है. “यह गुड़िया पहले मुझे मेरी मम्मी को देना है, जो कि बाद में जाकर मेरी बहन को दे देंगी”. यह कहते-कहते उसकी आँखें नम हो आईं थीं.

“मेरी बहन भगवान के घर गयी है…और मेरे पापा कहते हैं कि मेरी मम्मी भी जल्दी-ही भगवान से मिलने जाने वाली हैं तो, मैंने सोचा कि क्यों ना वो इस गुड़िया को अपने साथ ले जाकर, मेरी बहन को दे दें…” मेरा दिल धक्क-सा रह गया था.

Learn To Life: Jivan Ki Sachi Kahani

उसने ये सारी बातें एक साँस में ही कह डालीं और फिर मेरी ओर देखकर बोला (Bolti Kahani) -“मैंने पापा से कह दिया है कि – मम्मी से कहना कि वो अभी ना जाएँ वो मेरा, दुकान से लौटने तक का इंतजार करें. फिर उसने मुझे एक बहुत प्यारा-सा फोटो दिखाया, जिसमें वह खिलखिला कर हँस रहा था. इसके बाद उसने मुझसे कहा “मैं चाहता हूँ कि मेरी मम्मी, मेरा यह फोटो भी अपने साथ ले जायें, ताकि मेरी बहन मुझे भूल नहीं पाए. मैं अपनी मम्मी से बहुत प्यार करता हूँ और मुझे नहीं लगता कि वो मुझे ऐसे छोड़ने के लिए राजी होंगी, पर पापा कहते हैं कि उन्हें मेरी छोटी बहन के साथ रहने के लिए जाना ही पड़ेगा.

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इसके बाद फिर से उसने उस गुड़िया को ग़मगीन आँखों-से, खामोशी-से देखा. मेरे हाथ जल्दी से अपने बटुए (पर्स) तक पहुँचे, और मैंने उससे कहा “चलो एक बार और गिनती करके देखते हैं कि तुम्हारे पास गुड़िया के लिए पर्याप्त पैसे हैं या नहीं?” उसने कहा: “ठीक है| पर मुझे लगता है मेरे पास पूरे पैसे हैं”.

इसके बाद मैंने उससे नजरें बचाकर कुछ पैसे उसमें जोड़ दिए, और फिर हमने उन्हें गिनना शुरू किया. ये पैसे उसकी गुड़िया के लिए काफी थे यही नहीं, कुछ पैसे अतिरिक्त बच भी गए थे. नन्हे-से लड़के ने कहा: “भगवान् का लाख-लाख शुक्र है – मुझे इतने सारे पैसे देने के लिए” फिर उसने मेरी ओर देखकर कहा कि “मैंने कल रात सोने से पहले भगवान् से प्रार्थना की थी कि मुझे इस गुड़िया को खरीदने के लिए पैसे दे देना, ताकि मम्मी इसे मेरी बहन को दे सकें और भगवान् ने मेरी बात सुन ली. इसके अलावा मुझे मम्मी के लिए एक सफ़ेद गुलाब खरीदने के लिए भी पैसे चाहिए थे, पर मैं भगवान् से इतने ज्यादा पैसे मांगने की हिम्मत नहीं कर पाया था.

पर भगवान् ने तो मुझे इतने पैसे दे दिए हैं कि अब मैं गुड़िया के साथ-साथ एक सफ़ेद गुलाब भी खरीद सकता हूँ. मेरी मम्मी को सफेद गुलाब बहुत पसंद हैं फिर हम वहा से निकल गए. मैं अपने दिमाग से उस छोटे-से लड़के को निकाल नहीं पा रहा था फिर, मुझे दो दिन पहले स्थानीय समाचार पत्र में छपी एक घटना याद आ गयी, जिसमें एक शराबी ट्रक ड्राईवर के बारे में लिखा था.

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जिसने नशे की हालत में मोबाईल फोन पर बात करते हुए एक कार-चालक महिला की कार को टक्कर मार दी थी, जिसमें उसकी ३ साल की बेटी की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गयी थी और वह महिला कोमा में चली गयी थी, अब एक महत्वपूर्ण निर्णय उस परिवार को ये लेना था कि, उस महिला को जीवन-रक्षक मशीन पर बनाए रखना है अथवा नहीं? क्योंकि वह कोमा से बाहर आकर, स्वस्थ हो सकने की अवस्था में नहीं थी |

क्या वह परिवार इसी छोटे-लड़के का ही था? मेरा मन रोम-रोम काँप उठा | मेरी उस नन्हे लड़के के साथ हुई मुलाक़ात के 2 दिनों बाद मैंने अखबार में पढ़ा कि उस महिला को बचाया नहीं जा सका. मैं अपने आप को रोक नहीं सका, और अखबार में दिए पते पर जा पहुँचा, जहाँ उस महिला को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था | वह महिला श्वेत-धवल कपड़ों में थी अपने हाथ में एक सफ़ेद गुलाब और उस छोटे-से लड़के का वह फोटो लिए हुए और उसके सीने पर रखी हुई थी – वही गुड़िया |

मेरी आँखे नम हो गयी, मैं नम आँखें लेकर वहाँ से लौटा, उस नन्हे-से लड़के का अपनी माँ और उसकी बहन के लिए जो प्यार था, वह शब्दों में बयान करना मुश्किल है और ऐसे में, एक शराबी चालक ने अपनी घोर लापरवाही से, क्षण-भर में उस लड़के से उसका सब कुछ छीन लिया था…….

निष्कर्ष: इस कहानी के माध्यम से हम सब को यही सिख (Lessons Of Life) मिलती है की हमारा जीवन हमे प्यारा न सही लेकिन किसी और आपसे लगाव है इसलिए कृपया – कभी भी शराब पीकर और मोबाइल पर बात करते समय वाहन ना चलायें..

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