Avani Lakhera Biography In Hindi | Tokyo Paralympic 2020 Gold Medalist Avani Lakhera

Avani Lakhera Biography In Hindi ने आज अपने कर्म के दम पर पूरे देश का नाम रोशन किया है इन्होने Tokyo Paralympic 2020 के 10 मीटर राइफल मेंं स्वर्ण पदक अपने नाम कर Tokyo Paralympic 2020 में पहली बार राष्ट्रगान की धुन सुनाई दी जो देश के लिए गौरव के क्षण रहा।

नमस्कार दोस्तों हमारे इस सच्ची कहानी Web Page के नई कहानी में आपका स्वागत है मुझे उम्मीद है की आप इस कहनी से आप कुछ जरूर सकारात्मक चीज सिखेंगे और आपको हमारे द्वारा लिखी कहानी अच्छी लगी हो तो कृपया आप निचे दी गई लाल वाली घंटी को जरूर दबाकर सब्सक्राइब करें.

Avani Lakhera Biography In Hindi अवनी लखेरा जीवन परिचय

Avani Lakhera Biography In Hindi PIC
Avani Lakhera with Gold Medal

अवनी लखेरा का जन्म राजस्थान के जयपुर में 8 जनवरी 2001 को हुआ था इनके पिता का नाम प्रवीन लखेरा और माता का नाम स्वेता लखेरा है। Avani Lakhera Biography In Hindi

Full NameAvani Lakhera
Date of Birth08 Jan 2021
Age20 Yrs. ( To 2021)
Birth PlaceJaipur (Rajasthan)
Home TownJaipur (Rajasthan)
Parent’s NameFather: Praveen Lakhera
Mother: Sweta Lakhera
ReligionHindu
NationalismIndian
Weight58 Kg (Lumsum)
Hight5.5 Fut
EventShutting (10mi)
CoachChandan Singh
chart

Avani Lakhera Accident अवनी लखेरा व्हील चेयर पर कैसे पहुंची

avani Lakhera

अवनी लखेरा बचपन में शारीरिक रूप से नॉर्मल लड़की थी लेकिन एक घटना के बाद इनके जीवन ही बदल गया। बताया जाता है की अवनी जब ग्यारह वर्ष की थी तब अपने पिता के साथ कहीं जा रहीं थीं उसी क्रम में एक दुर्घटना घटित हो गई और अवनी बुरी तरह से घायल हो गईं इनके पिता की भी पैर टूट गई लेकिन अवनी को ज्यादा ही चोट लगी थी।

इलाज के दौरान पता चला की अवनी की रीढ़ की हड्डी टूट गई है और वो अब शायद ही सही तरीके से चल पाएगी इनके जीवन में अब निराशा का बादल छाए हुए दिखाई दे रहा था तब इनके माता पिता ने अपनी बेटी के अंदर आत्मविश्वास भरना शुरू किया और अंततः अवनी ने यह निर्णय लिया की अब निशानेबाजी में अपना कैरियर बनानी है और फिर इन्होंने अभ्यास शुरू कर दिया और नतीजा ये है की आज पूरा देश इनपर गर्व कर रहा है।

Avani Lakhera Inspiration अवनी लखेरा का आदर्श कौन हैं

अवनी लखेरा जब शरीर से असमर्थ हो गईं और फिर निर्णय लिया की निशाने बाजी में अपना कैरियर बनाना है तब इन्होंने अभिनव बिंद्रा जी को आदर्श मानकर अपना अभ्यास शुरू किया और घर के नजदीक ही शूटिंग रेंज पर जाकर रोज निरंतर अभ्यास शुरू कर दिया। शूटिंग रेंज पर हीं निशाने बाजी के कोच चंदन सिंह से मुलाकात हुई उन्होंने ने भी अवनी को यह विश्वास दिलाया कि अगर तुम निरंतर सही दिशा में अभ्यास करती हो तो एक दिन जरूर अपने मकसद में कामयाब हो जायोगी।

बीच बीच में अवनी का निशाना सही नहीं होता और अवनी निराश हो जाती तो कोच चंदन सिंह द्वारा प्रोत्साहित किया जाता की तुम ऐसे हार नहीं मानो और नतीजा आज यह हुआ की अपना नाम पूरे विश्व के पटल पर सुर्खियां में ला दिया।

Tokyo Paralympic 2020 Gold Medalist Avani Lakhera अवनी लखेरा का टोक्यो पैरालंपिक में सफर

अवनी लखेरा का Tokyo Paralympic 2020 में सफर की बात करें तो क्वालिफिंग मुकाबले में सातवें स्थान पर थीं और वहां से फाइनल मुकाबले के लिए क्वालीफाई किया और फाइनल मुकाबले में 249.6 प्वाइंट लाकर कर अपना नाम पहले स्थान पर लिखवाया और साथ हीं देश की पहली महिला बन गई जो Paralympic में स्वर्ण पदक लाने वाली।


Google News
Google News

Credit Of Win अवनी लखेरा ने जीत का श्रेय किसे दिया (Avani Lekhara Paralympics)

Tokyo Paralympic 2020 Gold Medalist Avani Lakhera बनने के बाद अवनी लखेरा ने जीत का श्रेय अपने माता पिता और कोच चंदन सिंह को दीं। अवनी ने कहा उनके बिना इस मुकाम पर पहुंच पाना बेहद हीं मुश्किल था ऐसे माता पिता और गुरु सभी को मिले। (Avani Lekhara Paralympics)

Avani Lakhera को जीत की बधाई

अवनी लखेरा को इस जीत पर देश के प्रधानमंत्री जी ने भी अपने सोशल मीडिया के माध्यम से जीत की बधाई दी है और देश की सारे लोग उनके इस अदम्य साहस का पुर जोर स्वागत कर रहे हैं।

Read More Stories 👇

Devendra Jhajharia Tokyo Paralympic 2020 Story

 Niraj Chopra Goldmedalist Tokyo Olympics 2020

Bhavina Patel Biography In Hindi

ऐसे हीं सच्ची कहानी के लिए आप हमारे Web Page को लाल वाली घंटी बजा कर Subscribe कर लीजिए ताकि जब भी मैं कहानी आपके लिए लाऊं तो सबसे पहले आप पढ़ें और अगर पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें। आप हमें किसी पोस्ट से संबंधित या कोई अन्य कहानी पढ़ने के लिए आप DM (Direct Massage) 👉 Facebook Instagram Pinterest Twitter किसी पर भी कर सकते हैं।

Comments are closed.