A Story Of Yogita Bhayana : आज आप सब के साथ एक ऐसी नारी की कहानी लेकर आया हूं जिन्होंने अपनी परवाह किए बिना उन लोगों के लिए जिय रहीं हैं जिनको इस दुनिया में कुछ लोग आए दिन अपने राक्षसी प्रवृति का शिकार बना दे रहे हैं, ऐसे महान कार्य करने वाली इस नारी शक्ति का नाम है योगिता भयाना जिन्होंने न जाने कितने लाचार और बेबस बहन बेटियों का उम्मीदों का किरण बन गईं है मैं इन्हें इस महान कार्य के लिए इन्हें नमन करता हूं और इनकी जीवन से जुड़ी कुछ बातों का अपने इस आर्टिकल के माध्यम से आप सब तक पहुंचने की कोशिश करता हूं।
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A Story Of Yogita Bhayana (योगिता भयाना की कहानी)
योगिता भयाना की कहानी बेहद हीं साधारण लेकिन प्रेरणात्मक है इन्होंने ने जो अपने जीवन में फैसले लिए वो बेहद कम लोग हीं लेते हैं। इन्होंने अपने लिए जीने के बजाए उनलोगों के लिए जीना चाहा जिन लोगों ने जीने या इंसाफ की उम्मीद छोड़ दी।
Yogita Bhayana Biography In Hindi (योगिता भयाना का जीवन परिचय)
दिल्ली में पली बढ़ी योगिता भयाना एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं वो चार भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं इनके जीवन का एक मात्र लक्ष्य ‘उनलोगों के लिए कार्य करना है जो उम्मीद छोड़ चुके हैं’। योगिता भयाना ने डिजास्टर मैनेजमेंट में पीजी किया है वह जानी मानी हाॅस्पिटलिटी प्रोफेशनल रही हैं। बचपन में अपनी मां को बिजनेस के साथ साथ लोगों की मदद करते देख योगिता ने समाजसेवा लेने का प्रण लिया था।
इनके बारे में बताया जाता है कि जब ये कक्षा 9 और 10 में थीं तभी से गरीब छोटे बच्चों को निःशुल्क पढ़ाया करती थीं और गरीब बुजुर्गों के मदद के लिए भी पैसे जुटाया करती थीं। कॉलेज के बाद किंग फिशर एयरलाइंस में नौकरी लग गई वहां इन्होंने 7 वर्षों तक एयर होस्टेस के रूप में कार्य किया इसके बाद मैनेजमेंट में सीनियर पद पर कार्य करते हुए नौकरी से इस्तीफा दे दिया और फिर अपने बचपन के ख़्वाब को साकार करने के लिए अपने पथ पर निकल गईं।
Yogita Bhayana Anti Rape Activist (योगिता भयाना बलात्कार विरोधी कार्यकर्ता)
नौकरी छोड़ने के बाद योगिता ने एक महिला और बच्चों संबंधित सामाजिक कार्य में अपना योगदान देने लगीं। इसके बाद Das Foundation की नींव रखी और सड़क दुर्घटना में शिकार होने वाले लोगों को मदद करने लगीं धीरे धीरे समय बितता गया तभी देश में निर्भया जैसी घटना घटी और पूरा देश सिहम गया देश हीं नहीं बल्कि विदेश में भी इस अमानवीय घटना की निंदा होने लगी।
इसके बाद योगिता जी ने महिलाओं के लिए काम करने का भी निर्णय लिया तब से हीं अभी तक रेप पीड़िताओं को मदद करने में लगीं हुईं हैं। इन्होंने ने हीं निर्भया की मां के साथ मिलकर व्यापक स्तर पर दिल्ली में प्रदर्शन किया तब जाकर बलात्कार मामलों में जुवेनाइल 18 से घटाकर 16 किया गया और राज्यसभा से विधेयक पारित हुआ।
अंततः वर्ष 2013 में रेप पीड़ित लोगों और परिवार की आवाज को बुलंद करने के लिए और इंशाफ दिलाने के लिए योगिता जी ने PARI (People Against Rapes In India) Foundation की शुरुआत की। इन्होंने अब तक लगभग 1000 से ज्यादा बेसहारा, विधवा, अकेली महिलाओं को लघु उद्योग की प्रशिक्षण दिलाकर स्वालंबी बनने में मदद किया है।
Yogita Became An Angel During The Corona Period (कोरोना काल में योगिता बनी फरिश्ता)
कोरोना काल में योगिता बनी फरिश्ता: मार्च 2020 जब देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन लग गया जिसके कारण बहुत से ऐसे लोग थे जिनके पास खाने के लिए दो रोटी तक नहीं थी उन्हें अपने टीम के साथ मिलकर लोगों को ढूंढ ढूंढ कर खाना खिलाया और जो लोग प्रवासी थे और दिल्ली में फसें थे उन्हें जाने की व्यवस्था करना ये सब अपने और अपने साथियों के बदौलत योगिता जी ने किया।
जब कोरोना की दूसरी लहर वर्ष 2021 में जब आई तो देश में ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की मृत्यु ज्यादा होने लगी उस समय भी इन्होंने लोगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने से लेकर फोन पर डॉक्टर का सलाह दिया जाना ये सारे काम योगिता जी ने किए। इस कठिन परिस्थिति में जिस भी लोगों की इन्होंने मदद की उनके लिए ये किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं।
इनके इस दरियादिली और नेक काम के लिए प्रसार भारती और जाकिर हुसैन फाउंडेशन ने इन्हें सम्मानित किए हैं।
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