A Story Of Brave Women 01 | काल के गाल से अपने बच्चे को छुड़ाने वाली मां की कहानी

A Story Of Brave Women 01 : आज आप सब के बीच एक ऐसी महिला की कहानी लेकर आया हूं जिसने सतयुग के सत्यवान और सावित्री की कहानी को याद दिला दी। ऐसे हीं एक कहानी और आज आप सब को सुनाने जा रहा हूं अगर इस मां के जज्बे को सलाम करते हैं तो इस कहानी को अपने दोस्तों में जरूर शेयर कीजिएगा।

नमस्कार दोस्तों हमारे इस सच्ची कहानी Web Page के नई कहानी में आपका स्वागत है मुझे उम्मीद है की आप इस कहनी से आप कुछ जरूर सकारात्मक चीज सिखेंगे और आपको हमारे द्वारा लिखी कहानी अच्छी लगी हो तो कृपया आप निचे दी गई लाल वाली घंटी को जरूर दबाकर सब्सक्राइब करें.

A Story Of Brave Women 01 (एक बहादुर महिला की कहानी)

A Story Of Brave Women 01 (काल के गाल से अपने बच्चे को छुड़ाने वाली मां की कहानी) सच्ची कहानी
बेटे राहुल के साथ मां किरण बैगा

ये वास्तविक घटना है जो मैं कहानी के माध्यम से आप सब के बीच सुनाने जा रहा हूं ये घटना बीते 28 नवम्बर की है जो मध्यप्रदेश के संजय टाइगर बफर जोन टमसार रेंज के बाड़ीझरिया गांव की है जहां एक आदिवासी परिवार अपना गुजर बसर करता है। इस परिवार की महिला किरण बैगा अपने परिवार के लिए शाम को बाहर चूल्हे पर खाना बनाने के लिए आग जला रही थी उसी समय इनका एक आठ वर्षीय बेटा जिसका नाम राहुल है वो बाहर खेल रहा था सब कुछ सही था तभी एक तेंदुआ चुपके से आया और राहुल को अपने जबड़े में उठाया और चल दिया।

लेकिन राहुल जब रोने लगा तो उसकी मां देखी की मेरा हीं बच्चा को हीं तेंदुआ ले जा रहा है, मां की ऐसी ममता होती है अपने बच्चों के लिए की जब उसके बच्चे पर दुःख का आफ़त आता है तो उस समय एक मां को सिर्फ़ अपना बच्चा दिखाई देता चाहे वो आफ़त या परेशानी कितनी बड़ी या छोटी हो ऐसा हीं वाक्या यहां देखने को मिला। किरण जब देखी की मेरा हीं बच्चा है तो उसने बिना कुछ सोचे समझें उसके पीछे चल दी।

काल के गाल से अपने बच्चे को छुड़ाने वाली मां की कहानी (A Story Of Brave Women 01)

किरण अपने आठ वर्षीय पुत्र राहुल की जान बचाने के लिए बिना किसी लाठी-डंडे के पीछे पीछे दौड़ती हुई जाने लगी लगभग एक किलोमीटर के बाद तेंदुएं ने राहुल का शिकार करने की सोची और अपने मुंह से उसे छोड़ा तभी उसकी मां अपने बेटे का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगी।

तेंदुआ अपनी ओर खींचता और किरण अपनी तरफ लेकिन एक मां से उसके बेटे को तेंदुआ नहीं छुड़ा पाया और इस दर्मियां तीन बार तेंदुए ने राहुल को छोड़ कर उसकी मां किरण पर भी झपटा मारा लेकिन वो विफल हो गया तभी गांव वालों ने लाठी डंडे और हाथ में मसल लिए आ गए ये देख तेंदुए भाग गया। इस तरह से एक मां ने अपने बच्चे को मौत के मुंह से अपने बच्चे को बचा ली।

ये सुनने में जरूर फिल्मी है पर ये वास्तविक घटना है जिसे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से इस अदम्य साहस का परिचय देने पर एक मां किरण को बधाई दिए हैं

A Story Of Brave Women 01 Short Interview

इस घटना के बारे में जब सोशल मीडिया पर प्रसार हुआ तो लोग किरण की इस अकल्पनीय कहानी को जानने के लिए लोग उनके घर जा रहे हैं और उनसे बात कर रहे हैं उन्हीं में से किसी पत्रकार साथी से किरण ने जो कहा वो सभी सुनना और विचार करना चाहिए “हम आदिवासी हैं खुद की रक्षा और पेट की भूख को मिटाने के लिए कड़ा संघर्ष करते हैं… ऐसे में मैं अपने बेटे को बचाने से कैसे पीछे हटती“।

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