Devendra Jhajharia Bio In Hindi | Gold Medalist Devendra Jhajharia | Tokyo Paralympic 2020

Devendra Jhajharia Bio In Hindi आज आपसब को एक ऐसे योद्धा के बारे में बताने जा रहा हूं जिसके बारे में जानने के बाद लगेगा की कोई भी काम नामुमकिन नहीं है तो आइए जानते हैं Devendra Jhajharia Bio In Hindi फर्श से लेकर अर्श तक की कहानी….

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Devendra Jhajharia Bio In Hindi देवेंद्र झझरीया का प्रांरभिक जीवन

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photo Instagram

Devendra Jhajharia का जन्म 10 जून 1981 ई० राजस्थान के चुरू जिले में एक जाट परिवार में हुआ था जब ये करीब 10 वर्ष के थे तो एक दिन दोस्तों के साथ खेलने के क्रम में एक पेड़ पर चढ़ गए वहां Live बिजली की तार को पकड़ लिया जिससे उनकी बाईं हाथ पूरी तरह जल गया। इलाज के दौरान डॉक्टर ने क्षतिग्रस्त हाथ को काटने का निर्णय लिया हुआ और देवेंद्र को ठीक रहने के लिए ये करना जरूरी भी था। Gold Medalist Niraj Chopra Biography को जरूर पढ़ें

जब स्कूल जाने लगे तो सभी लोग इन्हें यही बोलते थे की जब तक पूरी शरीर ठीक न हो वो क्या कर सकता है इससे कुछ नहीं होगा इनके मन को भी कभी कभी ऐसा लगता था लोग ठीक कह रहे हैं तभी इनके स्कूल में खेल का एक आयोजन हुआ उसमें बहुत से शिक्षक और छात्र भाग लिए उसमें एक शिक्षक आए थे उनका नाम था आर डी शर्मा जो बच्चों को जैवलिन थ्रो की कोचिंग देते थे। उन्होंने देवेंद्र की प्रतिभा की पहचान की और इनके मनोबल को बढ़ाया। (Devendra Jhajharia Bio In Hindi)

इसके बाद देवेंद्र ने अपने गुरु श्री आर डी शर्मा जी के बताए हुए रास्ते पर चलना शुरू किया और आज तक चलते रहे। आर डी शर्मा जी को द्रोणाचार्ज पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. जब पहली बार Devendra Jhajharia ने 2004 के एथेंस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीते थे तो इस जीत का श्रेय अपने गुरु श्री आर डी शर्मा जी को दिए थे। Tokyo Gold Medalist Avani Lakhera Story

Full NameDevendra Jhajharia
Date Of Birth10 June 1981
NationalityIndian
SportsAthletics
EventF46 Javelin
Parent’s NameMother: Jivani Devi
Father: Ram Singh
Edu. QualificationGraduate
WifeManju
ChildsDaughter: Jiya
Son: Kanaviy
Home DistrictChuru
StateRajsthan
CoachSunil Tanwar
AwardsPadam Shree
Arjun Award
Chart

Devendra Jhajharia Personal Life देवेन्द्र झझरीया का व्यक्तिगत जीवन  (Devendra Jhajhariya Bio In Hindi)

Devendra Jhajharia Bio In Hindi With Family
With Family

Devendra Jhajhariya की व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो इनकी पत्नी का नाम मंजू जो एक राष्ट्रीय स्तर की कब्बडी खिलाड़ी हैं और इनके दो बच्चे हैं एक बेटी जिसका नाम जिया और एक बेटा जिसका नाम कवियन है। भारतीय रेलवे में ये नौकरी करते थे फिर बाद में भारतीय खेल प्राधिकरण के साथ कार्य कर रहे हैं। (Devendra Jhajharia Bio In Hindi)

देवेंद्र झझरिया का कैरियर Gold Medalist Devendra Jhajharia Career (Tokyo Paralympic 2020)

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Devendra Jhajharia Career देवेंद्र को जब से गुरु श्री शर्मा ने ये कहा की इस खेल में तुम बेहतर करोगे तब से देवेंद्र भी खूब मेहनत करने लगे और साथ में पढ़ाई भी कर रहे थे जब 2001 में ग्रेजुशन की पढ़ाई पूरी हो गई तब देवेंद्र ने अपना पूरा फोकस खेल पर लगा दिया और इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने की ठान ली।

देवेंद्र को अब भाला लेनी थी जिससे वो सही तरीके से अभ्यास कर सके लेकिन इनके पास इतने पैसे थे नहीं की वो खरीद सके तो उन्होंने राजस्थान सरकार से मदद की गुहार की जिसे अनसुना कर दिया। फिर एक NRI रामस्वरूप सिंह ने देवेंद्र की मदद की और 75 हजार रुपए दिए जिससे एक अच्छी तरह की भाला खरीद पाए और अपना अभ्यास सही तरीके से शुरू कर दिया और उसी भाला से भारत को पदक दिलाने की शिलशिला शुरू कर दिया। (Devendra Jhajharia Bio In Hindi)


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  • देवेंद्र ने पहली बार 2002 में अंतराष्ट्रीय खेल का हिस्सा बने और दक्षिण कोरिया में आयोजित एशियन प्रतियोगिता में 59.77 मीटर भाला फेंक कर अपने जीवन का पहला स्वर्ण पदक जीता।
  • वर्ष 2004 में पहली बार पैरालंपिक में भाग लिया और अपनी जो पुरानी अंतराष्ट्रीय रिकॉर्ड था उसे पीछे छोड़ते हुए 62.15 मीटर भाला फेंक कर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
  • 2013 में देवेंद्र ने फ्रांस में आयोजित विश्व चैंपियनशिप प्रतियोगिता में भाग लिया और भारत को एक और स्वर्ण पदक दिलाया।
  • दक्षिण कोरिया में आयोजित एशियन पैरा गेम 2014 में रजत पदक जीते।
  • वर्ष 2015 में विश्व चैंपियनशिप प्रतियोगिता दोहा में 59.6 मीटर भाला फेंक कर दूसरे स्थान पर रहे और रजत पदक हासिल किया।
  • 2016 में आयोजित आईपीसी एथलेटिक्स एशिया-ओशिनिया चैंपियनशिप दुबई में स्वर्ण पदक जीता।
  • 2016 में रियो ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक में 63.97 मीटर भाला फेक कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। Gold Medalist Devendra Jhajharia
  • Tokyo Paralympic 2020 में अब तक का सबसे Best Throw 64.35 कर दूसरे स्थान पर रहे और Silver अपने नाम किया। वहीं इसी मैच में भारत के हीं सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.01 भाला फेंक कर तीसरा स्थान प्राप्त किया और कांस्य पदक अपने नाम किया।
वर्षआयोजनखिताब
2002FESPIC (South Korea)Gold
2004Paralympic (Athens)Gold
2013World Championship (France)Gold
2014Summer (South Korea)Silvar
2015World Championship (Doha)Silvar
2016IPC (Dubai)Gold
2016Paralympic (Rio)Gold
2020ParalympicSilver
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