Veshya Ki Bolti Kahani: आज की कहानी है एक 20 वर्षीय खूबसूरत लड़की मौशमी की जिसे किसी के द्वारा देह व्यापार के लिए 5 वर्ष पहले बेच दिया गया था.
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Veshya Ki Bolti Kahani | खूबसूरत वैश्या की दिलचस्प सच्ची कहानी
मौशमी अपनी गरीबी मिटाने गांव से शहर आती है तभी उसका मुलाकात एक चाय दुकान वाले 30 वर्षीय व्यक्ति तेगा से होती है मौशमी बेहद हीं खूबसूरत लेकिन ना समझ थी वो यह बात नहीं समझ पाई की इस दुनिया में कोई किसी का नहीं है बस कोई अपना है तो है मां और बाप इसके अलावा कोई नहीं.
मौशमी चाय की दुकान पर जाती है और दुकानदार से बोलती है की मुझे कोई काम दे सकते हो जो दुकानदार तेगा है उसे देखते हीं हां बोल देता है क्योंकि मौशमी इतनी खूबसूरत थी की उसे दुकान पर रखने के बाद उसके दुकान पर ग्राहकों की संख्या बढ़ जाती कुछ दिन चलाता रहा मौशमी उसके दुकान पर चाय बनाती और लोगों को सर्व करती. कुछ दिन बीतने के बाद मौशमी को लगता है की इतने से गुजरा नहीं होगा तो वो फिर तेगा को बोलती है की मुझे कोई और दूसरा काम दिला दो ताकि मैं ज्यादा पैसे कमा सकूं.
इस बात पर तेगा बोलता है की ठीक है मैं तुम्हारे लायक कोई काम देखता हूं एक हपते गुजर जाते हैं दुबारा मौसमी तेगा से काम के लिए बोलती है जिस पर तेगा बोलता है की दो चार दिन में काम का इंतजाम हो जायेगा. तेगा यह सोच कर परेशान था की अगर यह दुकान छोड़ देती है तो मेरे ग्राहक कम हो जाएंगे यही सोचकर वो बहुत हीं परेशान था.
तेगा के मन में एक बात समझ में आई इसने सोचा कि क्यूं न इस लड़की को बेचकर अपना पैसा बना लूं यही सोच कर तेगा शहर के एक कोठा के मालकिन से जाकर बात की जिसपर कोठा वाली ने मौशमी के बदले 1 लाख रुपए दे दिए.
दो दिन बाद तेगा काम दिलवाने के बहाने मौशमी को कोठा वाली के पास ले गया और वहीं छोड़कर चला गया. मौशमी को जैसे हीं पता चला की मुझे बेच दिया गाया है वह बहुत रोई छटपटाई लेकिन कोई बचाने वाला नहीं मिला और वो अब नर्क वाली जिंदगी जीने के लिए अपने आप को धीरे धीरे उस मौहल में समा रही थी.
एक दिन रोड के किनारे कुछ दुकानें थी जिसके पीछे एक लड़की की लाश होने की सूचना मिली जिसको देखने के लिए भीड़ इक्कठा हो गई उसी भीड़ में से किसी ने पुलिस को सूचना दी की यहां एक मृत शरीर पड़ा हुआ है पुलिस को सूचना मिलते हीं कुछ देर में घटना स्थल पर आ पहुंचती है और बॉडी को कब्जे में कर उस जगह को घेर देती है.
उस डेड बॉडी की पहचान कराने के लिए पुलिस पूछताक्ष करती है जिसमें उसकी पहचान एक वैश्या के तौर पर की जाती है जिसका नाम मौशमी बताया जाता है उस बॉडी को देखने के बाद ऐसा लग रहा था की तेज धार छुरा से कई बार वार किया गया है जिससे उसकी शरीर की हालत बेहद ख़राब हो गई थी. यह खबर जब अखबार में छपी तो मौशमी के परिवार वाले गांव से बॉडी क्लेम करने आए उन्होंने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई और बॉडी लेकर घर आ गए उधर पुलिसिया कार्रवाई में न कोई गवाह मिला और न हीं कोई अपराधी मामला ठंडा पड़ गया.
कुछ महीनों बाद एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ इंस्पेक्टर इस मामले को पुनः खोल दिया और अपना जाजूस इस काम के लिए छोड़ दिया. जासूस कुछ दिन बिताने के बाद यह पता लगा पाया की मौशमी एक ड्रग एडिक्ट थीं और वो हर दिन इसका सेवन करती थी अब जासूस यह पता लगाना शुरू किया की इसे नशीली पदार्थ कौन देता था जिसके बाद एक व्यक्ति का नाम आया जो नशीली पदार्थों का कारोबार करता था. उससे जब पहली बार पूछा गया तो वो मना कर दिया जिसके बाद उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.
कुछ दिन बाद जासूस को एक व्यक्ति से मुलाकात हुई उसने बताया कि जिस दिन मौशमी की लाश मिली थी उसके पिछले दिन नशा का कारोबार करने वाला व्यक्ति थॉमस से मौशमी की झगड़ा देखा था इतना सुनते हीं जासूस उस चश्मदीद को लेकर ईमानदार इंस्पेक्टर के पास ले गया और सारी कहानी बताई जिसके बाद थॉमस को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया और थॉमस को कोर्ट गुनहगार मानते हुए आजीवन कारावास की सजा दिया गया।
अंततः मौशमी को न्याय मिला और उसके परिवार को भी थोड़ी राहत मिली. लेकिन इस कहानी से यही सिख मिलती है की अनजाने शहर में कभी किसी पर आंख बंद कर विश्वास नहीं करनी चाहिए और न हीं अपने काम को परिवार से छुपाना चाहिए.
ऐसे हीं एक और रोचक कहानी के साथ दुबारा आऊंगा तब तक लिए हमारे वेब पेज पर और पुरानी कहानियों को पढ़कर आनंद उठाएं तब तक के लिए धन्यवाद.