रक्षाबंधन Raksha Bandhan 2021 आने वाला है वे सभी लड़कियां खुश हैं जिनके भाई है और लड़के भी खुश हैं जिनकी बहन है अगर कोई दुःखी होता है इस दिन वो लड़की जिसका कोई सगा भाई न हो खैर, बात करते हैं रक्षा बंधन के कुछ महत्वपूर्ण सवाल के बारे में….
रक्षाबंधन का अर्थ क्या है ?
रक्षाबंधन दो शब्दों के योग्य से बना हुआ है रक्षा और बंधन जिसका अर्थ होता है रक्षा – कोई मुसीबत में हो उसे रक्षा करना। बंधन – बांधना या वचन देना। उदाहरण के के तौर पर जब बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है तो उपहार स्वरूप भाई जीवन भर रक्षा करने का वचन देता है।
रक्षाबंधन कैसे शुरू हुआ ?
रक्षाबंधन की शुरुवात मध्यकालीन सभ्यता से चलते आ रही है रक्षाबंधन के बारे जो किताबों में कहानी मिलती है वो एक नहीं बल्कि कई हैं और उनसब का मतलब एक हीं था की आप अपनी बहन या जो भी औरत किसी मर्द या औरत को राखी बांधती वो उसे रक्षा करने का वचन देता या देती है।
बहन भाई को राखी बांधती है तो जो ननद होती है वो अपनी भाभी को राखी बांधती है और भाभी भी ननद को कठिन परिस्थितियों में रक्षा करती है।
रक्षाबंधन कब मनाया जाता है ?
रक्षाबंधन हिंदू धर्म में आस्था को देखते हुए हिंदी महीना से सावन मास पूर्ण होने पर पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
राखी का त्यौहार कब और कैसे मनाया जाता है ?
श्रावण मास के पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन को मनाया जाता है। इसके मानाने का एक शुभ मुहूर्त होता है । इस दिन सभी के घरों में पकवान भी बनाई जाती है और ईश्वर को भोग लगाया जाता है।
रक्षाबंधन के दिन भाई बहन सुबह नहा धोकर नए वस्त्र पहनते हैं और बहन एक थाली में रोड़ी,कपूर,चंदन,मिठाई, राखी,अक्षत को सजाती है और विधि पूर्वक भाई की कलाई पर राखी को बांधती है और मिठाई खिलाती है।
इसके बदले में जो भाई होता है वो अपने बहन को उपहार स्वरूप कोई वस्तु या रुपया देता है। इसके बाद बड़े जानों का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। रक्षाबंधन के महत्व को बताएं भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन का महत्व सिर्फ और सिर्फ यही है की वो भाई और बहन के बीच जो प्रेम है उसे दर्शाता है और जो बहन भाई का जो पवित्र रिश्ता है उसे अटूट बनाता है।
अब तो भारत ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में बड़े पैमाने पर हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है, और सिर्फ हिंदू धर्म में नहीं बल्कि सिक्ख, मुस्लिम,बौद्ध, क्रिसचिन लगभग सभी धर्म के लोग मानते हैं। क्योंकि ये किसी आस्था का नहीं बल्कि प्रेम का त्यौहार है।
रक्षाबंधन का इतिहास (Raksha Bandhan 2021)
रक्षाबंधन का इतिहास बहुत पुराना है इसे लगभग 6000 साल पहले से भी मनाया जा रहा तब इसे त्यौहार के रूप में नहीं बल्कि किसी बिपती में जो सहयोग करता उसे एक कपड़े को कलाई पर बांधा जाता था।
कुछ पुराने ग्रंथ या किताबों से कुछ इसके सबूत मिले हैं उसे मैं बताने की कोशिश करता हूं…
- श्री कृष्ण और द्रौपदी की राखी कहानी.
जब श्री कृष्ण ने अपने प्रजा को बचाने के लिए शिशुपाल से युद्ध करने के क्रम में श्री कृष्ण की अंगुली में गहरी चिट लग जाने के कारण बहुत रक्त निकल रहा था उसे रोकने के लिए द्रौपदी ने अपना साड़ी की कोर फाड़ कर श्री कृष्ण की अंगुली बांधी थी तब से श्री कृष्ण द्रौपदी को अपना बहन मानने लगे थे।
जब युधिष्ठिर ने जुआ में अपने पत्नी द्रौपदी को हार गया और दुर्योधन ने भरे महफिल में द्रौपदी का चीरहरण किया जाने लगा तब श्री कृष्ण ने द्रौपदी की राखी का लाज रखते हुए उसका इज्जत बचाने आए थे और बचाए भी थें। - रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूॅं की राखी कहानी.
रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूॅं की कहानी भी अपने आप में बहुत बड़ा सिख देती है कहा जाता है कि जब मुसलमान शासक राजपूत शासक पर भरी पड़ रहे थे और अपने राज्य बचाने के लिए युद्ध करना पड़ रहा था ।
उस समय चितौड़ की रानी कर्णावती जो की एक विधवा थीं उनको ये डर हो गया था की अब हमारी राज्य नहीं बच पाएगी तो उन्होंने सम्राट हुमायूँ को अपने साड़ी की कोर को फाड़ कर भेजवाया था जिसके बाद हुमायूॅं ने चितौड़ पर आक्रमण नहीं किया और रानी कर्णावती को अपनी बहन बनाया। - सम्राट Alexander और सम्राट पुरु के बीच राखी की कहानी.
जब सम्राट Alexander भारत को जीतने आया था और वह अभी तक अजेय शासक था वो कोई भी युद्ध हारा नहीं था उसने सम्राट पुरु की सेना पर जब आक्रमण किया तो उसे पहली बार ये एहसास हुआ की वो सम्राट पुरु के सेना से जीत नहीं पाएगा फिर भी वो लड़ता रहा और जब सम्राट Alexander के एक-एक करके सैनिक कम होने लगे.
तब Alexander की पत्नी को किसी ने रक्षाबंधन के बारे में बताया तो उसने सम्राट पुरु के लिए राखी भेजी तब जाकर सम्राट पुरु ने सम्राट Alexander छोड़ दिया और Alexander की पत्नी को मुंहबोली बहन बनाया। ऐसे बहुत रक्षाबंधन की कहानी है जो की वास्तव में घटित हुई हैं। पांच बहनों की बनने की कहानी
Raksha Bandhan 2021 में कब है ?
2021 में रक्षाबंधन 22 अगस्त दिन रविवार को है पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त शाम से शुरू होगी और 22 अगस्त को राखी का त्यौहार धूम धाम से मनाया जायेगा.
Raksha Bandhan 2021 शुभ मुहूर्त | समय |
रक्षाबंधन 2021 का शुभ मुहूर्त | 05:50 से 18:30 |
रक्षाबंधन 2021 समय अवधि | 12 घंटा 11 मिनट |
अपराह्न समय | 13:44 से 16:23 |
प्रदोष काल | 20:08 से 22:18 |
राखी पूर्णिमा प्रारम्भ | 21 अगस्त 2021, 15:45 |
राखी पूर्णिमा समाप्त | 22 अगस्त 2021, 17:58 |
Raksha Bandhan 2021 Hindi Quote
दुनियाँ की हर ख़ुशी तुझे दिलाऊंगा मैं,
q1
अपने भाई होने का हर फ़र्ज़ निभाऊंगा मैं।
बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा हैं,
तुम खुश रहो हमेशा यही सौगात माँगा हैं !
q2
जिस बहन का कोई नहीं भाई | उसके लिए मेरा है कलाई ||
तोड़े से भी ना टूटे, ये ऐसा मन बंधन हैं,
इस बंधन को सारी दुनिया कहती रक्षा बंधन हैं!
Q3
यह लम्हा कुछ खास है, बहन के हाथों में भाई का हाथ है।
ओ बहना तेरे लिए मेरे पास कुछ खास है,
तेरे सुकून की खातिर मेरी बहना, तेरा भाई हमेशा तेरे साथ है।। रक्षाबंधन की शुभकामनायें!!
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