Happy Navratri Puja भारत के त्यौहारों में प्रमुख माना जाता है अब तो नवरात्रि पूजा देश हीं नहीं बल्कि विश्व के कई देशों में धूम धाम से मनाई जाती है। नवरात्रि शब्द का संबंध संस्कृत से है नवरात्रि का अर्थ होता है “नौ रातें” इन नौ रातें और 10 दिन में माता रानी के नौ रूप की पूजा की जाती है और अंतिम दिन माता रानी को विदाई की जाती है।
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Shardiya Navratri Puja का इतिहास बहुत पुराना है जिसका वर्णन सही से कहीं भी प्राप्त नहीं है बेसिक चीज ये है कि लोग नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ जो रूप हैं उनकी पूजा अर्चना करते हैं। पौराणिक कथाओं और शास्त्रों के अनुसार धरती पर जब क्रूरता ज्यादा बढ़ गई थी जिससे देवी देवता मनुष्य सभी परेशान थे तब जाकर मां दुर्गा के नौ दिन तक उन असुरों से युद्ध किया और दसवें दिन सभी असुरों का अंत हो गया तब से हीं नवरात्रि की शुरुआत हो गई।
हिन्दू धर्म में नवरात्रि पूजा का महत्व बेहद हीं खास है पूरे 1 वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं लेकिन उनमें सबसे ज्यादा महत्व जिस नवरात्र की होती है वो अश्विन मास में मनाया जाता है। इस नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूप जो हैं उन सभी मां के रूपों का पूजा अर्चना किया जाता है और सुख समृद्धि का वरदान मांगा जाता है।
Shardiya Navratri Puja 2022 मात्र 8 दिनों में ही समाप्त हो जायेगा इस बार 07 अक्टूबर 2021 को शुरू हो रहा है और 05 अक्टूबर 2022 को समाप्त हो जायेगा। Covid 19 के वजह से सरकार ने सख्त दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं जिसके वजह से पंडाल में थोड़ी रौनक कम रहेगी लेकिन जो आस्था लोगों के बीच है वो कम होने वाली नहीं है।
Happy Navratri Puja 2022 Muhurt इस बार नवरात्रि 9 दिन के बजाय 8 दिन ही रहेगी एक प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य के अनुसार सर्वपृति अमावश्या जो की 6 अक्टूबर को समाप्त हो रही है इसलिए नवरात्रि 07 October को शुरू हो रही है। नवरात्रि के तृतिया 09 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 48 मिनट तक हीं रहेगी इसके बाद चतुर्थी शुरू हो जाएगी।
दिनांक | माता की पूजा |
26/09/2022 | मां शैलपुत्री की पूजा |
27/09/2022 | मां ब्रह्मचारिणी की पूजा |
28/09/2022 | मां चंद्रघंटा पूजा |
29/09/2022 | मां कुष्मांडा की पूजा |
30/09/2022 | मां स्कंदमाता की पूजा |
01/10/2022 | मां कात्यायनी की पूजा |
02/10/2022 | मां कालरात्रि की पूजा |
03/10/2022 | मां महागौरी की पूजा |
04/10/2022 | मां सिद्धिदात्री की पूजा |
05/10/2022 | विजयादशमी (दशहरा) |
नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना के साथ देवी मां का पूजन शुरू किया जाता है. घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखना होता है 26 September को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 20 मिनट से सुबह 10 बजकर 19 मिनट तक हीं है इसी समय घटस्थापना करने से नवरात्रि फलदायी होते हैं।
नवरात्र में देवी के नौ रूपों का संक्षिप्त परिचय निम्न हैं


नवरात्र के पहले दिन हिमालय की पुत्री माता शैलपुत्री का आगमन और उनकी पूजा अर्चना होती है।

नवरात्र के दूसरे दिन माता शैलपुत्री के स्थापना और पूजा के बाद माता के अविवाहित स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है।

नवरात्र के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा अर्चना किया जाता है, शिव विवाह के बाद मां पार्वती ने अपने सिर को अर्धचंद्र से सुशोभित की थीं जिसके कारण तीसरे दिन मां दुर्गा के इसी रूप की पूजा की जाती है।

नवरात्रि के तीन दिन तक मां दुर्गा के स्वरूपों के पूजा के बाद नवरात्र के चौथे दिन माता कुष्मांडा जिन्हें ब्रह्मांड की रचनात्मक शक्ति का अवतार माना जाता है उनकी पूजा की जाती है।

नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है जिसका अर्थ होता है “कार्तिक स्वामी की माता” जिसे कार्तिकेय भी कहा जाता है इस दिन मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

नवरात्र के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है जिसका अर्थ होता है “कात्यायन आश्रम में जन्मि”। इन्हें एक योद्धा देवी के रूप में भी जाना जाता है।

नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा अर्चना की जाती है जिसका अर्थ होता है “काल की नाश करने वाली” इस दिन माता की सबसे क्रूर रूप की पूजा की जाती है।

नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा अर्चना होती है जिसका अर्थ होता है “सफेद रंग वाली मां” जिन्हें शांति और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है।

नवरात्र के नवें और अंतिम दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना और आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है जिसका अर्थ होता है “सर्व सिद्धि देने वाली” माता के इस रूप के मंदिर सहारनपुर में है जिसे माता शाकम्भरी देवी की मंदिर कहा जाता है।
नवरात्र के दसवें दिन जिसे हम सब दशमी कहते हैं उस दिन माता की विदाई की जाती है और उसी पूरे नौ दिन की पूजा दशमी को समाप्त हो जाती है।
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